साहित्य का कुल-गोत्र

आज जब समानता और न्याय आधारित, सबकी स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति, गरिमा और सम्मान की रक्षा करने की गारंटी देने वाले संविधान से संचालित देश को चलाने के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव होने जा रहा है तो अचानक आस्थाओं, गोत्र, जाति और धर्म के परिचय पत्र माँगे जा र